घग्गर नदी जो निकलती है नहर के नीचे से - Yatri SAJ

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Tuesday, August 23, 2022

घग्गर नदी जो निकलती है नहर के नीचे से

घग्गर नदी जो की हिमाचल के शिवालिका की पहाडियो से निकलती है जो की कालका मंदिर के पास है | यह नदी पंजाब, हरियाणा और हरियाणा के ओटू वियर हेड से राजस्थान में परवेश करती है | इस नदी की कुल लम्बाई 465 किलोमीटर है और राजस्थान में इसकी कुल लम्बाई सिर्फ 100 किलोमीटर ही है | राजस्थान में इस नदी को नाली बेल्ट भी कहा जाता है
वेसे इस घग्गर नदी में और भी उपनाम है जेसे- हकरा नदी, लेटी हुई नदी, मृत नदी, राजस्थान का शोक आदि अनेक उपनामों से इसे जाना जाता है| यह नदी मोसमी नदी है क्यों की बरसात के समय में ही इस नदी में पानी आता है वरना यह नदी सुखी ही रहती है | विद्वानों का मानना है की दश हजार साल पहले इस नदी का जन्म हुआ था | यह नदी सरस्वती नदी का ही बचा हुआ रूप है |
हिमाचल प्रदेश और पंजाब में जब भारी बरसात होती है तब यह नदी पुरे उफान पर होती है | इस नदी में अनेको बार बाढ़ बी आ चुकी है 1988,1997,2010 में बहुत तेज बाढ़ आई थी आस पास के सभी गाव उस बाढ़ में डूब गए थे | उस समय भारी मात्रा में नुकसान हुआ था | घग्गर नदी के किनारे हनुमानगढ़ दुर्ग (भटनेर दुर्ग), कालीबंगा सभ्यता, रंगमहल सभ्यता विकसित हुई है |
यह नदी ओटू वियर हेड से निकलकर हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी तहसील के एक गाव तलवाडा झील के पास से गुजरती है तलवाडा के पास यह नदी राजस्थान की सबसे बड़ी नहर इंदिरा गाँधी नहर के निचे से गुजरती है | इंदिरा गाँधी नहर के निचे इस नदी के दो हेड बने हुए है तथा इस जगह को घग्गर साईंफोन(syphon) के नाम से जाना जाता है |
यह नदी यह से हनुमानगढ़ के पास भद्रकाली मंदिर के पास से गुजरती है इसके किनारे माता भद्रकाली माता का एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है | फिर यह नदी हनुमानगढ़, श्री गंगानगर जिले से होती हुई अनुपगढ तहसील से होकर पाकिस्तान में प्रवेश करती है पाकिस्तान में इस नदी का अंतिम बिंदु फोर्ट अब्बाश नमक स्थान है जहा पर जाकर यह नदी विलुप्त हो जाती है |

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